कवि/शाइर जीके पिपिल की गज़ल … कभी उनके सिर पर कभी कदमों के नीचे जा बैठा
जीके पिपिल देहरादून —————————————————————————— गज़ल कभी बस में कभी डिलिवरी बॉय के पीछे जा बैठा…
जीके पिपिल देहरादून —————————————————————————— गज़ल कभी बस में कभी डिलिवरी बॉय के पीछे जा बैठा…
जीके पिपिल, देहरादून ———————————————— गज़ल आज़ इस क़दर इम्तिहान ले रही है ज़िंदगी चाहिए नहीं…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– गज़ल जो कहते थे ना बदलेंगे कभी उनको भी बदलते…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————— गज़ल हमारी ख़ामोशी को हमारा गुमान ना समझा जाय हम…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————————- गज़ल तीरगी इस क़दर मेरी राहों में आफताब लाए गिनती…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————– गज़ल जब से हम उनके ख्वाबों की कोई ताबीर ना…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————— गज़ल अपनी बात को इस तरह सोच समझकर बोल कि…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————– गज़ल आंख अपनी भर आई दिल उसका भी भर आया…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————– ग़ज़ल नस नस अपनी इश्क से भरकर टूट गई अंगड़ाई…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————————— गज़ल अब अपने आप को टुकड़ों में खानों में बांटना…