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ग़ज़ल

कवि/शाइर जीके पिपिल की गज़ल … तीरगी इस क़दर मेरी राहों में आफताब लाए

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————————- गज़ल तीरगी इस क़दर मेरी राहों में आफताब लाए गिनती…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल … परिवार ही सच्ची दुनियां होती है दुनियां वालों

जीके पिपिल देहरादून ————————————————- ग़ज़ल कविता सुनना और सुनाना तो सिर्फ़ बहाना है असल उद्देश्य…