Wed. May 28th, 2025

कवि/शाइर जीके पिपिल

वरिष्ठ कवि/शाइर जीके पिपिल की ग़ज़ल … जब से देख ली है फ़िल्म कश्मीर फाइल्स हमने …

जीके पिपिल देहरादून ———————————————————————————————- ग़ज़ल किनारों पर भी चलता हूं तो भंवर सा लगता है…

दल बादल की राजनीति पर कवि जीके पिपिल की चुटकी … कल के किशोर में कितनी जान अभी बाकी है..

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————— होना चुनावी समर का घमासान अभी बाकी है कौशल के…

वरिष्ठ कवि शा इर जीके पिपिल की ग़ज़ल … जिसे चाटकर वो बन बैठा दल में फ़िर से ख़ास रे…

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————- गज़ल उसे सोनिया के तलवों में गुड़ सी मिली मिठास…

वरिष्ठ कवि/शा इर जीके पिपिल की ग़ज़ल … तलवे चाटता है और ख़ुद्दारी की बात करता है …

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————– गज़ल तलवे चाटता है और ख़ुद्दारी की बात करता है…

हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने पर कवि जीके पिपिल की चुटकी …

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————- जहाँ-जहाँ भी रहे हमेशा वहाँ-वहाँ सबसे टकराये जाने किसके बलबूतों…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की दल बदल पर कुछ पंक्तियां…टकसाली सिक्के भी आजकल खोटे हो गये

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————— दर्पण टकसाली सिक्के भी आजकल खोटे हो गये चेहरे भी…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… महबूबा अपनी सलामत रहे उम्र दराज़ हो जाये..

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- गज़ल हर लफ़्ज़ इश्क़ में डूबा हुआ अल्फ़ाज़ हो जाये…