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काव्य

कृष्ण जन्माष्टमी पर कवि जगदीश ग्रामीण की कान्हा को समर्पित एक रचना

जगदीश ग्रामीण देहरादून,उत्तराखंड —————————————– वाह रे कान्हा! ———————- कान्हा तेरा वो माखन चुराना गली गली…

कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल…. उसके चेहरे की रंगाई पुताई करनी है किसी दिन

जीके पिपिल देहरादून,उत्तराखंड —————————————————– गज़ल ———— उसके चेहरे की रंगाई पुताई करनी है किसी दिन…

कवि जसवीर सिंह की एक कविता.. अब होना युद्ध जरूरी है.. घर होना शुद्ध जरूरी है.

जसवीर सिंह ‘हलधर’ देहरादून, उत्तराखंड ———————————– कविता – चेतावनी ———————- अब होना युद्ध जरूरी है।…