Fri. May 30th, 2025

काव्य

कृष्ण जन्माष्टमी पर कवि जगदीश ग्रामीण की कान्हा को समर्पित एक रचना

जगदीश ग्रामीण देहरादून,उत्तराखंड —————————————– वाह रे कान्हा! ———————- कान्हा तेरा वो माखन चुराना गली गली…

कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल…. उसके चेहरे की रंगाई पुताई करनी है किसी दिन

जीके पिपिल देहरादून,उत्तराखंड —————————————————– गज़ल ———— उसके चेहरे की रंगाई पुताई करनी है किसी दिन…