Sat. Nov 23rd, 2024

काव्य

कवि डॉ ब्रम्हानन्द तिवारी ‘अवधूत’ का एक प्रणय गीत..मेरी कश्ती किनारे पर लगा दो फिर चले जाना

डॉ ब्रम्हानन्द तिवारी ‘अवधूत ‘ मैनपुरी, उत्तर प्रदेश ————————————————– गीत ——————– चले हो तुम कहाँ…

पिता दिवस पर विशेष: धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी की पिता को समर्पित रचना

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी अल्मोड़ा, उत्तराखंड ————————————- पिता का वंदन ——————————— मेरे नयनों के स्वप्नों को,…

लोकभाषा को समर्पित युवा कवि अरविन्द ‘प्रकृति प्रेमी’ की कुछ गढ़वाली कविताएं

अरविन्द ‘प्रकृति प्रेमी’ बजियाल गांव, टिहरी गढ़वाल ————————————————– तिमल्वा बंटवार जौंन परसाद बांटि नि जाणी…

कवि धर्मेन्द्र उनियाल ‘धर्मी’ की एक गढ़वाली रचना..मैंगाई की मार छा.. यू कनु अत्याचार छा

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ———————————- मैंगाई की, मार छा, यू कनु अत्याचार छा, आटू…