Thu. May 29th, 2025

लोकभाषा

वरिष्ठ कवि तारा पाठक की घुघुतिया त्यार पर एक कुमाऊनी रचना … पिछ्याडि़ बारै उतरैणि में …

तारा पाठक हल्द्वानी, उत्तराखंड ———————————————– पिछ्याडि़ बारै उतरैणि में हमार घुघुत काव नि ल्हिगोय। कतु…

कवि तारा पाठक की एक कुमाऊनी रचना … मुसुलि बाना हैगे ज्वाना..

तारा पाठक हल्द्वानी, उत्तराखंड ——————————————————————– कुमाउनी बाल कविता मुसुलि बाना हैगे ज्वाना। तली सारी, मली…

कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के गढ़वाली में दो छंद (मनहरण घनाक्षरी) 

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड  ——————————————————————  मनहरण घनाक्षरी छंद  1- पाड़ देखा रोणु छ यू,…

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली कविता… यू कोराना कू काल छ

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ चीफ़ फार्मासिस्ट, अल्मोड़ा ————————————- यू कोराना कू काल छ, फूटियूं सबूकू कपाल…

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली कविता.. दिल्ली बम्बई वाला किलै? उत्तराखंड मा लेणा ज़मीन…

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड ——————————————- पटवारी जी, हे अमीन, करा त जरा ईं छाण-बीन…

युवा कवि धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ की गढ़वाली रचना.. मौज़ नेता अर सरकारू की होणी।

धर्मेंद्र उनियाल ‘धर्मी’ अल्मोड़ा, उत्तराखंड —————————————— मातृभाषा तैं समर्पित रचनाकारू तैं सादर समर्पित ——————————————————– दुर्गति…

लोकभाषा को समर्पित युवा कवि अरविन्द ‘प्रकृति प्रेमी’ की कुछ गढ़वाली कविताएं

अरविन्द ‘प्रकृति प्रेमी’ बजियाल गांव, टिहरी गढ़वाल ————————————————– तिमल्वा बंटवार जौंन परसाद बांटि नि जाणी…