Wed. May 28th, 2025

साहित्य

कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का सार छंद में गीत … रास रचाते मोहन राधा, गीत बांसुरी गाती

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————————- गीत (सार छंद)  रास रचाते मोहन राधा, गीत बांसुरी गाती…

रामनवमी पर विशेष: कवि/गीतकार वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का प्रभु राम को समर्पित छंद

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ देहरादून,उत्तराखंड ————————————————– घनाक्षरी कुसुम सनातन के, कुसुमित हुए फिर विराज रहे पावन,…

होली पर विशेष:: कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” का होली गीत … फागुन ने छेड़ी तान

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————————- फागुन ने छेड़ी तान घुघती गए मीठे गान खिला…

होली: कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” के कुछ प्रेममय छंद

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————————- 1- रुत मनभावन सी, परब सी पावन सी महक…

साहित्यकार भारती पांडे की होली पर एक सुंदर रचना … कविता में उमगा त्यौहार

भारती पाण्डे देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————————- होली के रंग वन कुंजन उपवन में खिले प्रसून बहुरंग…

युवा कवि/शाइर विजय कपरवान की रचना … भीष्म यहां लाचार खड़ा है राम तुम्हें आना होगा

विजय कपरवान पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड ———————————————————————————————————————- युगों युगों की पीड़ा हरने मुझको मेरे ऋण से तरने…

वसंत पर विशेष: कवि वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” … धरती धवल हुई, उमंगें नवल हुई

वीरेंद्र डंगवाल “पार्थ” देहरादून, उत्तराखंड —————————————————– मनहरण घनाक्षरी छंद धरती धवल हुई, उमंगें नवल हुई…