Wed. May 28th, 2025

कवि/शाइर जीके पिपिल

कवि/शाइर जीके पिपिल की गज़ल … तीरगी इस क़दर मेरी राहों में आफताब लाए

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————————- गज़ल तीरगी इस क़दर मेरी राहों में आफताब लाए गिनती…

कवि/शाइर जीके पिपिल की ग़ज़ल … हर घटना की अख़बार में कभी कभी ख़बर नहीं होती

जीके पिपिल देहरादून,उत्तराखंड ——————————————- गज़ल हर घटना की अख़बार में कभी कभी ख़बर नहीं होती…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल … परिवार ही सच्ची दुनियां होती है दुनियां वालों

जीके पिपिल देहरादून ————————————————- ग़ज़ल कविता सुनना और सुनाना तो सिर्फ़ बहाना है असल उद्देश्य…