Sat. Nov 23rd, 2024

ग़ज़ल

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… कोई उनसे कहो कि आज दीवाली है लौट आये… 

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————————- गज़ल  कोई पास ना आने के कर गया बहाने कैसे कैसे…

कवि/शाइर जीके पिपिल की एक ग़ज़ल… महबूबा अपनी सलामत रहे उम्र दराज़ हो जाये..

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- गज़ल हर लफ़्ज़ इश्क़ में डूबा हुआ अल्फ़ाज़ हो जाये…

वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक गज़ल.. हम ख़ुद को बेचकर अपने घर मेहमान ले आये

जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————— गज़ल हम ख़ुद को बेचकर अपने घर मेहमान ले आये…

कवि पागल फकीरा की एक रचना… मैं हिन्दी का बेटा हूँ, मुझे उर्दू ने संभाला है…

पागल फकीरा भावनगर, गुजरात ————————————– मैं हिन्दी का बेटा हूँ, मुझे उर्दू ने संभाला है,…