वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक रचना … जो बेअसर रहीं उन दुआओं को भी याद करना
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ग़ज़ल जो बेअसर रहीं उन दुआओं को भी याद करना सिर्फ़…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ग़ज़ल जो बेअसर रहीं उन दुआओं को भी याद करना सिर्फ़…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————- गज़ल हम चाँद होकर भी अपनी चाँदनी को तरसते रहे…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————————— ग़ज़ल मोहब्बत में गँवाया था गँवाया है कमाया कुछ नहीं जिस…
पागल फकीरा भावनगर, गुजरात कौन कहता है अफ़वाह फैला रहा हूँ मैं, ख़ुद ही अपना…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड —————————————————————- गज़ल कोई पास ना आने के कर गया बहाने कैसे कैसे…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————- गज़ल हर लफ़्ज़ इश्क़ में डूबा हुआ अल्फ़ाज़ हो जाये…
पागल फकीरा भावनगर, गुजरात ————————————————– बसंत के मौसम का अहसास है मुझे। याद हमारा पहला…
पागल फकीरा भावनगर, गुजरात ———————————————————— ग़ज़ल बस्ती उजाड कर लोग गाँव ढूंढ रहे हैं, कुल्हाड़ी…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————————— गज़ल हम ख़ुद को बेचकर अपने घर मेहमान ले आये…
जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————- कुछ और रखो ना रखो प्यार बरक़रार रखना नज़रें झुकें…