काव्य साहित्य कवि जीके पिपिल … उसे सोनिया के तलवों में गुड़ सी मिली मिठास रे… January 21, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ————————————————— उसे सोनिया के तलवों में गुड़ सी मिली मिठास रे…
काव्य साहित्य वरिष्ठ कवि जीके पिपिल का दल-बदल पर एक मुक्तक January 17, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ——————————————————— दर्पण उचित चुनावी मान्यता उसका अपना मंत्र जहाँ से ज़्यादा…
काव्य साहित्य ग़ज़ल वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक शानदार ग़ज़ल … फलों को हाथों से नहीं पत्थरों से तोड़ा गया January 14, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————— ग़ज़ल फलों को हाथों से नहीं पत्थरों से तोड़ा गया…
काव्य साहित्य वरिष्ठ कवि तारा पाठक की घुघुतिया त्यार पर एक कुमाऊनी रचना … पिछ्याडि़ बारै उतरैणि में … January 14, 2022 admin तारा पाठक हल्द्वानी, उत्तराखंड ———————————————– पिछ्याडि़ बारै उतरैणि में हमार घुघुत काव नि ल्हिगोय। कतु…
काव्य साहित्य वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की दल बदल पर कुछ पंक्तियां…टकसाली सिक्के भी आजकल खोटे हो गये January 12, 2022 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————— दर्पण टकसाली सिक्के भी आजकल खोटे हो गये चेहरे भी…
काव्य साहित्य कवि तारा पाठक की नववर्ष पर एक कुमाऊनी कविता … नौं सालै बधाइ January 1, 2022 admin तारा पाठक हल्द्वानी, उत्तराखंड —————————————————– नौं सालै बधाइ बधाइ हो नईं साल ऐ रौ। रीत…
Uncategorized वरिष्ठ कवि जीके पिपिल का राजनीति पर एक मुक्तक … कभी टोपी तो कभी सर का ताज बदल लेता है.. December 25, 2021 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ———————————————————————————– कभी टोपी तो कभी सर का ताज बदल लेता है…
काव्य साहित्य कवि तारा पाठक की एक कुमाऊनी रचना … मुसुलि बाना हैगे ज्वाना.. December 24, 2021 admin तारा पाठक हल्द्वानी, उत्तराखंड ——————————————————————– कुमाउनी बाल कविता मुसुलि बाना हैगे ज्वाना। तली सारी, मली…
काव्य साहित्य ग़ज़ल वरिष्ठ कवि जीके पिपिल की एक रचना … जो बेअसर रहीं उन दुआओं को भी याद करना December 24, 2021 admin जीके पिपिल देहरादून, उत्तराखंड ग़ज़ल जो बेअसर रहीं उन दुआओं को भी याद करना सिर्फ़…
काव्य साहित्य गीता पति प्रिया की एक रचना … लेखन की सुंदर वाटिका में, मित्र कहां तक छुपोगे December 22, 2021 admin गीता पति ‘प्रिया’ पश्चिम बंगाल मित्र लेखन की सुंदर वाटिका में, मित्र कहां तक छुपोगे…